क्या 5G Network Test से लोग बीमार हो रहे हैं ?

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5g network test
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5g network क्या है ?

आप के पास Whasapp, News, या Youtube के माध्यम से ये खबर जरूर आई होगी की 5g network Test की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं और असमय मृत्यु को प्राप्त हो रहे है। कुछ लोग इसको फेक न्यूज़ बता रहे है तो कुछ लोग इसको सत्य मान रहे है। क्या है वास्तविकता आइये हम इसको कुछ एक्सपर्ट के माध्यम से जानते है।

सबसे पहले तो ये समझते हैं कि 5G Network क्या होता है। क्या 5G Network test जरुरी है? जब किसी चीज का अविष्कार होता है, उसको बेहतर से बेहतर बनाने के लिए लगातार कुछ न कुछ सुधार होता रहता है। नई नई टेक्नोलॉजी उसमे जुड़ती रहती है ताकि और उन्नत और बेहतर परिणाम प्राप्त किया जा सके। यही चीज मोबाइल टेक्नोलॉजी में भी हुआ।

अभी हम लोग जिस नेटवर्क का यूज़ कर रहे है उसे 4G Network कहते हैं। यहां G का मतलब Generation अर्थात पीढ़ी से है। मतलब अभी हम लोग मोबाइल के चौथी पीढ़ी का नेटवर्क यूज़ कर रहे है।

नेटवर्क का इतिहास

80 के दशक में मोबाइल की पहली Generation (1G), 90 के दशक में दूसरी Generation अर्थात 2G, 2000 के दशक में 3G, 2010 से पहले ही 4G(भारत में 2010 के बाद), और अब 5G भी दस्तक सुनाई देने लगा है।

मोटे तौर पर बात की जाय तो 1G अर्थात पहली Generation का मोबाइल Analog Signal पर बेस था जिस पर केवल Call की Incoming और Outgoing सुविधा ही थी। फिर सुधार होकर 90 के दशक में आया 2G अर्थात दूसरी Generation इसमें कॉल के साथ text मैसेज की भी सुविधा थी। फिर आया 3G इसमें Call और मैसेज साथ साथ Internet भी चला सकते थे, लेकिन नेट की स्पीड काफी स्लो होती थी। Video रुक रुक के चलता था।

फिर आया 4G अर्थात चौथी पीढ़ी जो अभी भारत में यूज़ हो रहा है, जिसकी स्पीड फ़ास्ट होने की वजह से video Calling, Fast Downloading बिना किसी समस्या के करते हैं। (फिर भी speed की कुछ न कुछ प्रॉब्लम आती रहती है), 4G की स्पीड 100Mbps है।

अब बात करते है 5G अर्थात पांचवी Generationकी जो दुनिया के कुछ विकसित देशो में यूज़ हो रहा है। भारत में इसके टेस्टिंग की अभी मंजूरी मिली हुई है जो 6 मंथ में टेस्ट कर लेना होगा। 5G की टेस्टिंग से संबंधित उपकरण और दूसरी चीजे 2 महीने में इंस्टॉल करना होगा।

5G से क्या बदलने वाला है ?

5G की स्पीड 4G से 100 गुना ज्यादा होगी अर्थात 4GB साइज का video मात्र कुछ सेकंडो में डाउनलोड हो जायेगा। वर्चुअल कॉल बहुत आसान हो जायेगा, ऐसी उन्नत किश्म की टेक्नोलॉजी होगी जो आप से बाते करेंगी। गाड़िया ऑटोमेटिक चलेगी, स्मार्ट घर होंगे मतलब आप कही से भी अपने घर के डिवाइस को कंट्रोल कर सकते हैं।

क्या 5G Network Test है लोगों के बीमार होने का कारण ?

एक रिसर्च के अनुसार 5G तकनीकी से लोगों के शरीर के ऊपर कोई दुष्प्रभाव पड़ रहा है, यह दावा सही ठहराना गलत है। कई ऐसे कारण है जिससे कोरोना वायरस अपनी जद में में लोगों को ले लेता है। अगर कहा जाय की नेटवर्क टेस्टिंग की वजह से वायरस फ़ैल रहा है तो ये हास्यपाद है।

टावर या मोबाइल या इंटरनेट कनेक्शन में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगे निकलती है लेकिन ये तरंगे इतनी शक्तिशाली नहीं होती है कि लोगों के शरीर पर कोई दुष्प्रभाव दिखा सके। इससे कहीं ज्यादा शक्तिशाली तरंगे तो X-Ray से निकलती है जो आप के शरीर के त्वचा को डैमेज कर सकती हैं। सरांश ये है की इस तरह की तरंगे किसी गैजेट, मशीन से निकलती है जो किसी खास उदेश्य के लिए परफॉर्म की जाती है।

virus एक परजीवी है यह किसी मशीन से निकलने वाली तरंग से नहीं पैदा होता। कई ऐसे देश जहाँ पर 5G क्या 4G नेटवर्क भी नहीं उपलब्ध है फिर भी कोरोना के दुष्प्रभाव से नहीं बच पाए है।मोबाइल फोन और इंटरनेट कनेक्शन में काम आने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें और वायरस, दोनों अलग अलग चीजें हैं. कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से अपना प्रभाव दिखाता है न कि 5G नेटवर्क की वजह से।

निष्कर्ष

अंत में निष्कर्ष यही निकलता है कि जितने भी इस तरह से पोस्ट वायरल है कि 5G Network Test की वजह से लोग बीमार हो रहे हैं वो सारे पोस्ट में रत्ती भर सच्चाई नहीं हैं। आज तक किसी भी रिसर्च में ये बात सामने नहीं आई है। कोरोना से बचना है तो कोरोना-19 गाइडलाइन पालन करें। 5G के पीछे न पड़े। 5G आएगा तो ऐसी चीजे जो हम फिल्मो में देखते थे वो रियल लाइफ में एक्सिस्ट करेंगी। जैसे रोबोट और अन्य तरह की चीजे।

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